प्रिय पाठक,
हम जीवन में कितना ऊपर उठेंगे, आगे बढ़ेंगे, यह हमारे रूप पर, हमारे सौन्दर्य पर, हमारी छमताओं पर, हमारी योग्यताओं पर निर्भर नहीं होता, यह निर्भर होता है हमारे मनोबल पर, हमारी धारणाओं पर।
अंकुरण के प्रत्येक संस्करण के भाति इस संस्करण में भी नन्हे लेखको, बाल कवियों और छोटे कलाकारों की रचनाएं सम्मिलित है जिसमे स्वामी विवेकानंद द्वारा छात्रों को शिक्षा व मार्गदर्शन दिया गया है, बाल लेखक अपना विचार साझा करते हुए "आज की लेखनी आपके नाम से लिखी है, अपनी उपयोगिता की पहचाना होना छात्र जीवन में विशेष महत्व रखता है। "उपयोगिता" नामक कहानी आपको लेखन की उपयोगिता को जानने, पहचानने का अवसर देगी। इसके अलावा पत्रिका में नन्हे कलाकारों की कलाकारी को भी स्थान दिया गया है साथ ही देश के विभिन्न भागों से हमारे पाठकों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की है जो कि हमारे नन्हे कवियों के साथ मिलकर अलग-अलग आयु वर्ग के कल्पनाओं को आपके समक्ष रखती है जिसमें "खजूर", "ध्वज तिरंगा", "मेरी अपठित कविता", "भालू जी", "शीतलहर", इत्यादि संकलित किए गए हैं आपके प्यारे गोलू भैया' आपके उलझे सवाल के साथ ते प्रिय मित्रजनों आशा है नवीन और नन्हें हाथों आएं है की कला आपको भाऐंगी और आपकी कलम को उठाने की प्रेरणा देगी, आपकी कल्पनाओं को आकार देने के लिए प्रेरित करेगी।
पढ़े और सबको पढ़ाए।
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